Hindi Pakhwada celebrated 14-28 september every year
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हिंदी दिवस 14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है
तारीख: राष्ट्रीय हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन, 26 जनवरी 1949 को भारत की संविधान सभा ने एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया। उन्होंने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को औपचारिक रूप से संघ की राजभाषा के रूप में अपनाया। यह निर्णय बाद में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में शामिल किया गया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
इसका उद्देश्य राष्ट्रीय पहचान बनाने, सद्भाव को बढ़ावा देने और संस्कृति पर गर्व करने में हिंदी के महत्व को समझना है। हिंदी अलग-अलग क्षेत्रों और संस्कृतियों के लोगों को एक साथ लाती है, जिससे एक राष्ट्रीय भाषा के रूप में इसकी भूमिका और मजबूत होती है।
हिंदी दिवस 2025 की थीम
भारत सरकार हिंदी दिवस 2025 की थीम की घोषणा समारोह से पहले आधिकारिक तौर पर करेगी। पिछले सालों की थीम में डिजिटल संचार और सांस्कृतिक बातचीत के क्षेत्रों में हिंदी की ताकत पर जोर दिया गया है। 2025 के लिए, "हिंदी: राष्ट्रीय एकता और वैश्विक पहचान की ताकत" थीम होने की उम्मीद है। यह थीम नए क्षेत्रों में हिंदी के विस्तार पर जोर देगी।
महत्त्व और समारोह
हिंदी दिवस के अवसर पर देश भर के शिक्षण संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में वाद-विवाद, निबंध प्रतियोगिताएं, कविता पाठ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार और आधिकारिक समारोह आयोजित किए जाते हैं। यह दिन लोगों को व्यक्तिगत और आधिकारिक जीवन में हिंदी का अधिक सक्रिय रूप से उपयोग करने के लिए प्रेरित करने का एक मंच प्रदान करता है। इस मौके पर विशेष पुरस्कार और भाषणों के जरिए उन लोगों और संस्थानों की सफलता को सराहा जाता है, जो हिंदी भाषा को बढ़ावा देने में योगदान देते हैं।
राष्ट्रीय हिंदी दिवस 2025, जो 14 सितंबर को मनाया जाएगा, उस भाषा के सम्मान में है, जिसने भारत की सांस्कृतिक विरासत और प्रशासनिक व्यवस्था को परिभाषित किया है। प्रतियोगिताओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नीतियों में आधिकारिक मान्यता के माध्यम से हिंदी दिवस राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में हिंदी के महत्व को फिर से स्थापित करता है और मूल्यों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद करता है।
जैसे-जैसे देश डिजिटल और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी को ज्यादा से ज्यादा अपना रहा है, हिंदी दिवस भारत की पहचान और राष्ट्रीय एकता में भाषा की भूमिका का एक मजबूत प्रतीक बन गया है।